ABOUT SHIV CHALISA

About Shiv Chalisa

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय श

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